Direct Current (D.C) की पूरी जानकारी |
दिष्ट धारा Direct Current (D.C)
परिचय Introduction
डायरेक्ट करंट (Direct Current) यह वह करंट है जो हमेशा एक दिशा में बहती है। इसे लगातार या एक ही दिशा में बहने वाली (Unidirectional) करंट भी कहते हैं। इसे (D.C) द्वारा प्रदर्शित करते हैं इस तरह की करंट का निर्माण सैल, बैटरी, D.C. जनरेटर, D.C. रेक्टिफायर इत्यादि से किया जाता है इसे बैटरी को चार्ज करने, इलैक्ट्रोप्लेटिंग के कार्य इत्यादि के लिए प्रयोग किया जाता है।
दिष्ट धारा क्या है What is Direct Current
जिस विद्युत धारा का मान और दिशा नियत रहती है वह दिष्ट धारा Direct current (D.C.) कहलाती है। DC करंट बैटरी, सोलर पैनल और फ्यूल सेल जैसे स्रोतों से उत्पन्न होता है। ये स्रोत एक संभावित अंतर उत्पन्न करते हैं जो एक कंडक्टर के माध्यम से इलेक्ट्रॉनों को एक दिशा में प्रवाहित करने का कारण बनता है। डायरेक्ट करंट में, इलेक्ट्रॉन हमेशा बैटरी के नकारात्मक छोर से बैटरी के सकारात्मक छोर तक प्रवाहित होते हैं, जिससे एक निरंतर धारा बनती है।
दिष्ट धारा किस दिशा में प्रवाहित होता है? Which Way Does DC Flow?
पारंपरिक करंट हमेशा बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल से बैटरी के नेगेटिव टर्मिनल की ओर प्रवाहित होता है। हालांकि, वास्तविक डीसी करंट हमेशा बैटरी के नेगेटिव टर्मिनल से बैटरी के पॉजिटिव टर्मिनल की ओर प्रवाहित होता है।
भले ही इलेक्ट्रॉन बैटरी के ऋणात्मक (-) सिरे से बैटरी के धनात्मक (+) सिरे की ओर प्रवाहित होते हैं, वर्तमान दिशा को धनात्मक (+) से ऋणात्मक (-) की ओर बहने के रूप में दर्शाया जाता है। क्यूंकि इलेक्ट्रॉनों और प्रोटॉन की खोज से पहले, बेंजामिन फ्रैंकलिन ने देखा कि बिजली के तारों के माध्यम से कुछ चल रहा है। वह नहीं जानता कि तारों के बीच क्या चल रहा है। क्योंकि उस समय तक इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन की खोज नहीं हुई थी। इसलिए उन्होंने इन गतिमान वस्तुओं को आवेश कहा।
हम जानते हैं कि विद्युत धारा का अर्थ है आवेश का प्रवाह। बेंजामिन फ्रेंकलिन की मान्यता के अनुसार विद्युत धारा धनात्मक से ऋणात्मक की ओर प्रवाहित होती है। हालांकि, इलेक्ट्रॉनों की खोज के बाद, वैज्ञानिकों ने महसूस किया कि वास्तविक विद्युत प्रवाह इलेक्ट्रॉनों द्वारा किया गया था।
तो वास्तव में, विद्युत धारा की दिशा ऋणात्मक (-) से धनात्मक (+) की ओर थी। लेकिन हम अभी भी पारंपरिक वर्तमान दिशा का अनुसरण कर रहे हैं। अर्थात विद्युत धरा धनात्मक (+) से ऋणात्मक (-) की ओर जतिन है।
दिष्ट धारा को उत्पन्न करना Generat Direct Current
सेल या बैटरी सिस्टम Cell or Battery Systems
सेल या बैटरी करंट उत्पन्न करने के वेहद पुराने और शुरुआती तरीको में से एक है , इस विधि में दो भिन्न-भिन्न धातुओं की छड़ों को (जिन्हें इलैक्ट्रोड या ऐलिमेंट कहते हैं) एक द्रव में डुबोते हैं जिसको इलैक्ट्रोलाइट कहते हैं जब इन इलैक्ट्रोडों को तारों द्वारा जोड़ा जाता है तब इलैक्ट्रोलाइट के अंदर रासायनिक क्रिया होती है। इस प्रकार दो इलैक्ट्रोडों में पोटेंशियल डिफरेंस उत्पन्न हो जाता है जिसके कारण बाहरी सर्किट की जुड़ी हुई तारों में कंरट बहना शुरू हो जाती है।
इस यंत्र को सैल कहते हैं और दो या दो से अधिक सैलों के जोड़ को बैटरी कहते हैं। वह छड़ जिसमें से करंट सैल को छोड़कर बाहरी सर्किट में जाती है उसे पॉजिटिव प्लेट कहते हैं और वह प्लेट जिसमें से करंट सैलमें प्रवेश करती है उसे निगेटिव प्लेट कहते हैं।
यदि दोनों छड़ें समान धातु की हों तब emf उत्पन्न नहीं होती है। यदि छड़े भिन्न-भिन्न धातुओं की हों, तब हम देखते हैं कि emf उत्पन्न होती है जिसका मान चुनी जाने वाली धातुओं पर निर्भर करता है।
सेल का विभाजन (Classification of Cells)
सेल को निम्नलिखित दो भागों में विभाजित किया जा सकता है
1. प्राइमरी सैल
2. सेकेण्डरी सैल
सोलर पैनल सिस्टम Solar Panel System
सोलर सेल करंट उत्पन्न करने के सबसे नए तरीकों में से एक है। ये प्रणालि बिजली पैदा करने के लिए सूर्य के प्रकाश का उपयोग करती हैं। सौर पैनल, कई फोटोवोल्टिक सेल से मिलकर बने होते हैं, जो सूर्य से फोटॉन को अवशोषित करते हैं और उन्हें विद्युत धरा में परिवर्तित करते हैं। यह विद्युत धरा DC होती है।
यह नवीकरणीय और टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल समाधान है। मगर इसकी कुछ खामिया भी है जैसे जब बादल छाए हो या वर्षात के मौसम में इसकी दक्षता (Efficiency) काम हो जाता है।
जनरेटर Generator
जनरेटर एक मशीन है जो मैकेनिकल एनर्जी को इलैक्ट्रिकल एनर्जी में बदलता है। जनरेटर जादू द्वारा इलैक्ट्रिसिटी नहीं बनाता है, यह केवल दी गई मैकेनिकल एनर्जी को इलैक्ट्रिकल एनर्जी में बदलता है। यह मैकेनिकल एनर्जी जनरेटर के आर्मेचर को घुमाती है और इस प्रकार से आर्मेचर कंडक्टरों में इलैक्ट्रिक एनर्जी उत्पन्न होती है।
जनरेटर फैराडे के इलेक्ट्रोमैगेटिक के सिद्धांत पर कार्य करता है। जनरेटर के द्वारा उत्पन्न करंट Alternating current होता मगर जनरेटर के आर्मेचर में कम्यूटेटर लगा होता है जो Alternating current को Direct current में बदल देता है।
थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर Thermoelectric generators
थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर वह उपकरण हैं जो दो आसमान धतुओं के जोड़ के बीच तापमान अंतर का उपयोग करके डीसी करंट उत्पन्न करते हैं। यह सीबेक प्रभाव के आधार पर काम करते हैं । थर्मोइलेक्ट्रिक विशिष्ट अनुप्रयोगों में विशेष रूप से उपयोगी होते हैं, जैसे की आरक फर्निश या भट्टी का तापमान मापने के लिए किया जाता है।
Direct Current Symbol
दिष्ट धारा का क्या उपयोग है? What is the use of Direct Current ?
इलेक्ट्रानिक्स Electronics
इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में एक मौलिक भूमिका निभाता है। स्मार्टफोन, लैपटॉप और कैलकुलेटर जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण डायरेक्ट करंट पर काम करते हैं। आमतौर पर पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ऊर्जा की आपूर्ति के लिए बैटरियों का उपयोग किया जाता है।
दूरसंचार Telecommunication
दूरसंचार के क्षेत्र में भी दिष्ट धारा आवश्यक है। क्यों की टेलीफोन सिस्टम, मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर और टेलीफोन एक्सचेंज संचार के सरे उपकरण मानक - 48 volt DC का उपयोग करता है।
बिजली के वाहन Electric Vehicles (EV)
इलेक्ट्रिक वाहनों (EV ) के उदय ने डायरेक्ट करंट की मांग में वृद्धि की है। इलेक्ट्रिक वाहनों को चलने केलिए DC करंट का उपयोग किया जाता। इसके आलावा डीजल और पेट्रोल वाले वाहनों में इंजन की स्टार्ट करने , लाइटिंग, इग्निशन सिस्टम, क्लाइमेट कंट्रोल और इंफोटेनमेंट सिस्टम सहित अन्य इंस्ट्रूमेंट को पावर देने के लिए DC करंट का उपयोग करते है।
नवीकरणीय ऊर्जा Renewable energy
नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत, जैसे सौर और पवन, डीसी बिजली का उत्पादन करते हैं। उदाहरण के लिए, सौर पैनल सूर्य के प्रकाश से डीसी बिजली उत्पन्न करते हैं। यह डीसी पावर बैटरी में एकत्रित किया जाता है फिर इनवर्टर का उपयोग करके एसी पावर में परिवर्तित किया जाती है, जिसका उपयो हम घरो और कारखानों में करते है। नवीकरणीय ऊर्जा के कुशल उपयोग में DC करंट एक महत्वपूर्ण घटक है।
दिष्ट धारा को कैसे मापें How To Measure Direct Current
डिजिटल मल्टीमीटर Digital Multimeter
करंट को मापने के लिए डिजिटल मल्टीमीटर का उपयोग करने की प्रक्रिया काफी सरल है, लेकिन वोल्टेज या प्रतिरोध को मापने के लिए डिजिटल मल्टीमीटर का उपयोग करने की तुलना में यह थोड़ा अधिक कठिन है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि करंट को मापने के लिए, आपको सर्किट को तोड़ना होगा और अपने डिजिटल मल्टीमीटर (DMM) को सर्किट सीरीज में जोड़ना होगा ताकि डिजिटल मल्टीमीटर सर्किट का ही हिस्सा बन जाए। करंट जब डिजिटल मल्टीमीटर से होकर गुजरता है तब जो डिस्प्ले या स्क्रीन पर जो माप प्रदर्शित करता है वह सर्किट का रियल करंट होता है ।
एमीटर Ammeter
जब किसी सर्किट में हमें करंट हर समय मापते ही रहना है तो उस सर्किट के सीरीज में हमें एमीटर को जोड़ते हैं जिससे जब भी वह सर्किट में करंट बहेगा तो हमें एमीटर के जरिए दिखाई देगा जबकि मल्टीमीटर का उपयोग हम तब करते हैं जब हमें सर्किट में करंट को मापने की जरुरत होती है।
दिष्ट धारा के फायदे और नुकसान Advantages and Disadvantages of D.C
डायरेक्ट करंट के फायदे Advantages of Direct Current
डायरेक्ट करंट कुछ विशिष्ट अनुप्रयोगों में कई फायदे प्रदान करता है। इसके प्रमुख लाभों में से एक बैटरी में ऊर्जा को संग्रहीत करने की इसकी क्षमता है। DC सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ बहुत अछि तरीके से काम करता हैं, जो उन्हें कम वोल्टेज प्रयोगों के लिए उपयुक्त बनाते हैं।डायरेक्ट करंट के नुकसान Disadvantages of Direct Current
इसके लाभों के बावजूद, दिष्टधारा की कुछ सीमाएँ हैं। महत्वपूर्ण हानि मेसे एक यह है की यह करंट लंबी दूरी की यात्रा करने में असमर्थ हे । दूसरी ओर, एसी पॉवर ट्रांसमिशन को ट्रांसफार्मर का उपयोग करके आसानी से काम या ज्यादा किया जा सकता है, जिससे आसानी से लंबी दूरी की ट्रांसमिशन के लिए सक्षम हो जाती है। मगर हम DC में असा नहीं कर सकते। अंत में, डायरेक्ट करंट (DC) में अलग अलग उद्योगों में प्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों को शक्ति देने से लेकर दूरसंचार और एयरोस्पेस संचालन करने तक, DC का उपयोग किया जा रहा है। जैसे-जैसे हम प्रगति की और बढ़ते जा रहे है, हम डायरेक्ट करंट के और भी अधिक नवीन उपयोगों की खोज करते जा रहे है।
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